मंगलवार, 21 नवंबर 2017

तेरी मुहब्बत की फिक्र

तेरी आँखो मे ऐसे डूबे है
कि अब तक उबरे ही नही
कुछ बीमारियां उमर भर की होती है
फिक्र तो उस दिन की है
जिस दिन ये जां जायेगी
ये बीमारियां क्या मरने के बाद
साथ नही जाती?

1 टिप्पणी:

JIGNASA PATEL ने कहा…

मौत रूह की कहाँ होती है!!!

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